उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार ने विधानसभा में मायावती सरकार द्वारा बनाये गये स्मारकों एवं मूर्तियों की सुरक्षा के लिये पुलिस बल लगाये जाने सम्बन्धी बिल पेश किया हैं । इस पर प्रबुद्ध न्यूज चैनलों द्वारा बहस छेडी गई । मायावती सरकार के रवैये को सभी बुद्धिजीवी तानाशाही कहते हैं । मायावती ने अपने प्रदेश में मूर्तियों और स्मारकों के निर्माण पर हजारों करोड रूपये खर्च किये हैं । इस पर मायावती ने देश, विपक्ष और कोर्ट की खरी खोटी भी सुनी हैं । लेकिन बहनजी सतत अपने लक्ष्य की और अग्रसर हैं ।
आप सोच रहे होंगे कि मुझे मायावती के इस कदम में कौनसा लक्ष्य दिखाई पडा हैं । जनाब आप इतिहास की किताबें खोल कर देखिये, आपको मिस्र की सभ्यता या सिन्धु घाटी की सभ्यता में उन लोगों के ही नाम पता चलेंगे जिन्होंने अपने लिये स्मारक बनवाये थे । अपने देश में आने वाले विदेशी पर्यटक भी स्मारकों, किलों, महलों को ही देखते हैं न कि अन्य जगहों को । यह तो बहनजी की दूरदर्शिता हैं कि वो अभी से स्मारकों और मूर्तियों पर पैसे खर्च करके खुद को इतिहास में जिन्दा रखना चाहती हैं । मान लिजिये यदि अपनी सभ्यता किसी प्राकृतिक आपदा से लुप्त हो जाये तो आने वाली नयी सभ्यताएं जब खुदाई करके इन स्मारकों को निकालेगी तो बहनजी का इतिहास जीवित हो उठेगा । गौरतलब हैं कि कागजों में दबा इतिहास तो समय के साथ मिट्टी में मिल जायेगा परन्तु पत्थरों पर उकेरा गया अमर हो जायेगा ।
दूसरा मुद्दा यह था कि यह जनता का पैसा बर्बाद किया जा रहा हैं । यदि मेरी राय पूछी जाये तो इसमें भी बहनजी की दूरदर्शिता ही तो हैं । यदि शाहजहां ने इसी तरह की सोच रखकर ताजमहल नहीं बनवाया होता तो आज भारत को विदेशी पर्यटक कैसे मिलते? आज ताजमहल की वजह से आगरा और उत्तरप्रदेश को विश्व में पहचान मिली हैं और साथ ही लाखों लोगों को रोजगार भी । यानि फसल बोई शाहजहां ने और काट हम लोग रहे हैं । जिस प्रदेश में स्मारकों का विश्व सम्राट मौजूद हो वहां की दूरदर्शी मुख्यमंत्री को अपने स्मारक बनाने के विचार कैसे नहीं आयेगे ।
wah ji kya bat hai ...sadhuwad sir ji
ReplyDeleteKarara vyang hai!
ReplyDeleteमाया जारी रखियेगा...
ReplyDeleteबहुत बढिया ....
ReplyDeleteAnek shubhkamnayen...! Isee tarah likhte rahen!
ReplyDeleteभाई साहब व्यंग है तो बढ़िया है समर्थक है तो दूर ही रहियेगा
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिये स्वागत और बधाई । अन्य ब्लागों को भी पढ़ें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देने का कष्ट करें
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